वर्तमान समय में विश्व के ज्यादातर देश कोविड-19 ( कोरोना वायरस) महामारी से जूझ रहे हैं जिनमें भारत भी उन्हीं में से एक है मेरी सभी रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स और सदस्यों से अपील है की देश की इस आपातकालीन स्थिति में शासन प्रशासन के साथ मिलकर अपना सहयोग दें जिससे इस महामारी से निपटा जा सके और जनजीवन सामान्य हो सके विश्व रेडक्रॉस दिवस को महान समाजसेवी जॉन हैनरी ड्यूनेन्ट के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। जॉन हैनरी ड्यूनेन्ट का जन्म 8 मई 1828 को जिनेवा ( स्विट्ज़रलैंड ) मैं हुआ था जॉन हैनरी ड्यूनेन्ट का संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा व सामाजिक विकास कार्यों को समर्पित रहा।विश्व रेडक्रॉस सोसाइटी की स्थापना में सन 1859 में फ्रांस एवं ऑस्ट्रिया के बीच जो युद्ध हुआ वह महत्व पूर्ण रूप से उत्तरदायी रहा फ्रांस और ऑस्ट्रिया के बीच सेलफैरिनो नामक शहर में एक भीषण युद्ध हुआ जिसमें अपार जन धन की हानि हुई।अनेक सैनिक भी जख्मी हुए इस आपदा को देखते हुए जॉन हैनरी ने समाजसेवी व्यक्तियों का एक समूह बनाया और समूह के साथ उन्होंने जरूरतमंद, पीड़ित व्यक्तियों व जख्मी सैनिकों की सेवा की । युद्ध के पश्चात उन्होंने अपने समाजसेवी समूह के साथ मिलकर विश्व रेडक्रॉस सोसाइटी की स्थापना की । जॉन हेनरी एक श्रेष्ठ लेखक भी थे उन्होंने सेलफैरिनो के युद्ध की विभीषिका एवं मानवता की असीम पीड़ा का वर्णन अपनी एक पुस्तक में किया है उनकी इस पुस्तक का नाम है “ A Memory of Selferino, The origin of the red Cross: Un souvenir de Selferino” . सन 1901 में मानवता की सेवा के लिए जॉन हैनरी ड्यूनेन्ट को “नोबेल पीस पुरस्कार” से सम्मानित किया गया । जॉन हैनरी के सम्मान में एक म्यूजियम भी बनवाया गया । भारत में रेडक्रॉस सोसाइटी की स्थापना “पार्लियामेंट एक्ट XV ,, द्वारा सन 1920 में की गई । भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी के पदेन अध्यक्ष राष्ट्रपति जी हैं राज्यों में महामहिम राज्यपाल जी इस संस्था के अध्यक्ष होते हैं तथा जिला स्तर पर इस संस्था के अध्यक्ष का कार्य संचालन जिलाधिकारी द्वारा किया जाता है तथा उपाध्यक्ष मुख्य चिकित्सा अधिकारी होते है इन सभी के नेत्र नेतृत्व में सभी सदस्य व अन्य पदाधिकारी कार्य करते हैं । मानवता की सेवा के लिए जॉन हैनरी ड्यूनेन्ट के कार्य अनुकरणीय है ।
डॉ मुन्नालाल भारतीय
सक्रिय सदस्य
0 Comments