किसान आंदोलन 2021 | ऐतिहासिक जीत

अन्नदाता किसान भाइयों की ऐतिहासिक जीत पर बधाई।



सरकार ने कृषि कानून वापस करने का फैसला किया है किसान भाइयों के हित में यह आवश्यक फैसला है कृषि कानून को वापस करवाने के लिए किसान भाइयों ने बहुत संघर्ष किया है यह अन्नदाता किसान भाइयों की लडाई की जीत है। कृषि कानून वापस के लिए अन्नदाता किसानों को जीत की बधाई । 

यह लोकतंत्र की जीत है। चूंकि सरकार को यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था इस संघर्ष में लगभग 700 किसानों ने अपनी जान गवायी इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? इस की क्षतिपूर्ति नही की जा सकती । इन परिवारों को एक-एक करोड़ मुआवजा मिलना चाहिए तथा प्रत्येक परिवार के एक एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए और अपनी जान गवाने वाले किसानों को नमन करते हुए हम यह भी मांग करते हैं कि जिन किसान भाइयों ने अपने जीवन का बलिदान दिया उन किसान भाइयों को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए तथा उन के सम्मान में स्मारक बनने चाहिए । 

आंदोलनकरियो को भागने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाये गए तानाशाही शासन की कितनी यातनाएं किसान भाइयों ने झेली? और अब भी सरकार के इस फैसले को चुनावी स्टंट के मद्दे नजर देखा जा सकता है। 

इस तरह के जबरदस्ती के कानून  नागरिकों पर थोपना लोकतंत्र का अपमान है। किसान देश का अन्नदाता होता है और यदि हम इन पेट भरने वाले अन्नदाताओं का ही सम्मान नही करेंगे तो देश मे भुखमरी जैसे हालात हो जायेंगे ।


डॉ मुन्नालाल भारतीय
सामाजिक कार्यकर्ता

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