आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार गरीबों को क्यों नहीं मिलते हैं

आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार गरीबों को क्यों नहीं मिलते हैं?

इसके लिए कौन जिम्मेदार है?



सभी मनुष्य कुछ मूलभूत अधिकारों के हकदार हैं। उत्पीड़न से मुक्ति जैसे नागरिक और राजनैतिक अधिकार के साथ-साथ कुछ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी हैं, जैसे-काम से सम्बन्धित अधिकार, विशेषकर रोजगार की सही न्यायोचित परिस्थिति, बलात् अनिवार्य मजदूरी के विरुद्ध संरक्षण और श्रमिक संगठनों के गठन एवं उसकी सदस्यता प्राप्त करने का अधिकार।

शिक्षा का अधिकार, जिसमें मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा को सुनिश्चित करना सम्मिलित है और यह कि शिक्षा सबकी पहुँच में है, व्यक्ति के लिए स्वीकार्य तथा अनुकूल है। सांस्कृतिक अधिकारों का प्रोत्साहन और संरक्षण विशेषकर अल्पसंख्यकों एवं मूल निवासियों के लिए।

स्वास्थ्य का अधिकार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के सर्वोच्च प्राप्ति योग्य स्तर का अधिकार है, जिसमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ एवं समान रूप से स्वास्थ्य सेवाऐं पाने के अधिकार सम्मिलित है।

उचित आवास सुविधा का अधिकार, जिसमें बलात् अतिक्रमण से सुरक्षा और वहन करने योग्य, रहने योग्य और सांस्कृतिक रूप से उचित निवास सुविधा का अधिकार सम्मिलित है।

पोषण के अधिकार में भूख से मुक्ति का अधिकार और अनिवार्य पोषक भोजन की प्राप्ति का अधिकार या उसे प्राप्त करने की सुविधा का अधिकार संनिहित है।

पानी के अधिकार में आवश्यकतानुसार पानी और साफ- सफाई का अधिकार शामिल है जो शारीरिक और आर्थिक रूप से पहुँच के अन्दर और सुरक्षित हो।

लेखक
डॉ मुन्नालाल भारतीय
सदस्य
एमनेस्टी इंटरनेशनल

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