यूपी चुनाव 2022 में जनता की आवाज

यूपी चुनाव 2022




वर्तमान में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में चुनाव
का दौर चल रहा है सभी राजनीतिक पार्टियां और नेता सत्ता और सियासत के लिए सभी अपनी-अपनी ताल ठोक रहे हैं । चुनाव किस लिए होते हैं ? चुनाव का महत्व क्या होता है ? चुनाव का महत्व राष्ट्र हित और जनहित के लिए सर्वोपरि होता है जिसमें सर्वप्रथम महत्वपूर्ण जनता का मत और योगदान होता है । 

डॉ.मुन्नालाल भारतीय के मतानुसार

जनमत एक सरकार बनाते हैं और मुख्य प्रतिनिधि चुनते हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि वर्तमान समय में अधिकतर नेताओं का उद्देश्य जनहित व राष्ट्रहित ना होकर सत्ता और सियासत का मोहपाश होता है । जिसका जीता जागता उदाहरण है वर्तमान में चुनावी दौर में नेताओं का पार्टी बदलना। इस तरह कपड़ों की तरह पार्टी और पाला बदलने वाले नेताओं को जनता के हित से ज्यादा अपनी कुर्सी की चिंता ज्यादा होती है जो नेता किसी एक पार्टी के वफादार नहीं रहते हैं अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं रहते हैं ऐसे नेता जनता के प्रति भी वफादार नहीं होते हैं और केवल अपने स्वार्थ के वफादार रहते हैं आज की राजनीति में जनहित पर सत्ता और सियासत ज्यादा भारी पड़ती है क्योंकि जनहित सर्वोपरि ना होकर कुर्सी और पद ज्यादा सर्वोपरि है। और विकास के नाम पर जनता के पास केवल झूठे वादे और आश्वासन होते हैं।

 सरकार के पास जनता के लिए देश के विकास के लिए अरबों रुपए का बजट होता है क्या उस बजट से केवल मंदिर ही बनवाया जा सकता है? क्या केवल बेरोजगारी भत्ता ही दिया जा सकता है? बल्कि उस बजट से अस्पताल बनवाने चाहिए , बेरोजगारी भत्ते की बजाय रोजगार मिलने चाहिए,  गरीबों और असहाय लोगों को मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए।"मंंदिर में पुजारी  पैदा होता हैैैैै और मंदिर के बाहर भिखारी, पुजारी अपनी जेब भरता है और भिखारी पेेट भरने की आशा में बाहर बैठा रहता है" जो योजनाएं गरीबों के लिए बनाई जाती है वह गरीबों तक पहुंचनी चाहिए न कि पूंजीपति और दलालों तक रहनी चाहिए। गरीबों की ज्यादातर स्कीम दलालों तक सिमट कर रह जाती हैं दलाल इन स्कीमों को साधन संपन्न लोगों तक पहुंचा कर अपना कमीशन बनाते हैं और गरीबों के हाथ खाली रह जाते हैं। 

कोरोना काल में लाखों गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए जाने कितने गरीब और मध्यमवर्गीय लोग पैसे के अभाव में इलाज के अभाव में मारे गए। ऐसे लोग व परिवारों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। आज की राजनीति सिर्फ पार्टियों की राजनीति रह गई है ना कि जनहित की। और पार्टियां भी ज्यादातर ऐसे लोगों को टिकट देती हैं जिनके पास पैसा होता है और काम करने वाले लोग तो केवल रैलियों में कुर्सी पोंछने तक सीमित रह जाते हैं । उत्तर प्रदेश 2022 के चुनाव में हर व्यक्ति को मतदान करना चाहिए और ऐसे नेता को चुनना चाहिए जो जनता के बीच में रहें जनहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखे। 

असली नेता तो जनता ही बनाती है ना कि धन और बल। और ऐसी सरकार का गठन होना चाहिए जो गरीब, मध्यम व हर वर्ग के विकास पर समान रूप से ध्यान दें। जाति और धर्म की राजनीति नहीं होनी चाहिए। कानून का उल्लंघन नही होना चाहिए। शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र को आगे बढ़ायें जिससे समाज सशक्त बने और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ता रहे। राजनीति की दशा और दिशा बदलनी चाहिए तभी हम देश को विश्व गुरु बनाने में सफल हो सकते हैं

लेखक,
डॉ. मुन्नालाल भारतीय
   समाजसेवी

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