दुष्कर्म पीड़ितो के लिए न्याय की मांग


दुष्कर्म के आरोपियों को कठोर दंड व पीड़ितों के लिए न्याय की मांग।







 हाथरस के गांव बूलगडी में हुए गैंगरेप हत्याकांड ने समूचे प्रदेश को दहला दिया है आखिर इस तरह की घटनाएं क्यों नहीं रुक रही हैं ? महिलाओं की सुरक्षा चुनौती बनी हुई है आए दिन देश की महिलाएं युवतियां व छोटी छोटी बच्चियां दुष्कर्म हत्याकांड जैसे जघन्य अपराधों की शिकार हो रही हैं आखिर कब तक ?कब  तक ? हाथरस के गांव बूलगडी की बेटी गैंगरेप की शिकार पीड़िता मनीषा बाल्मीकि 'दलित' ने 15 दिन जिंदगी और मौत की जंग लड़ते हुए दिनांक 29 सितंबर 2020 को दम तोड़ दिया। मनीषा के साथ दुष्कर्म की घटना 14 सितम्बर को घटित हुई थी। मनीषा के साथ हद दर्जे की निर्ममता की गई दुष्कर्म कर जीभ काट दी गई , रीढ़ की हड्डी तोड़ दी तथा गर्दन पर प्रहार कर अंग भंग किया गया । इस तरह की घटनाएं महिला सुरक्षा कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं और कानून व्यवस्था व लोकतंत्र को ध्वस्त कर रही हैं। जिस तरह ज्यादातर अपराध स्वार्थ की राजनीति और भ्रष्टाचार के शिकार होते हैं उसी तरह यह दुष्कर्म हत्याकांड भी स्वार्थ की राजनीति व भ्रष्टाचार का शिकार हो रहा है उक्त हत्याकांड में शासन प्रशासन द्वारा जो लीपापोती व राजनीति की जा रही है यह बहुत ही अशोभनीय है जिस तरह पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार की बिना अनुमति के मृतक पीड़िता का दाह संस्कार किया गया है यह बहुत ही अन्याय पूर्ण है। अपराधियों को पुलिस प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस प्रशासन द्वारा मीडिया, समाज प्रतिनिधि व बुद्धिजीवियों को पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है यह कहां का न्याय है जब शासन ही न्याय की बात नहीं करेगा तो जनता किससे न्याय की उम्मीद करेगी?आखिर क्यों ?वास्तव में लोकतंत्र व्यवस्था पर जंगलराज हावी हो रहा है। ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार करती हैं अभी मनीषा का केस थमा भी नहीं तब तक बलरामपुर में भी हाल ही में एक छात्रा के साथ गैंग रेप कर हत्या करने की घटना हो गई इस छात्रा के साथ भी दुष्कर्म कर कमर व पैर तोड़ने की घटना सामने आई है तथा आंत फटने के कारण मृत्यु होने की पुष्टि हुई है। और भी ऐसी कई निर्दोष बेटियां अपनी जान गवा चुकी है तथा आए दिन दुष्कर्म की शिकार हो रहीं हैं ।अतः ऐसे दरिंदों को जीने का कोई अधिकार नहीं है । मनीषा के दोषियों को ऐसी कठोर सजा मिलनी चाहिए जो ऐसी मानसिकता वाले लोगों के लिए भयावह सबक हो। महिला सुरक्षा को लेकर सरकार को सख्ती से ध्यान देना चाहिए तथा महिला सुरक्षा कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए। इस तरह के बढ़ते अपराध समाज को कलंकित और दूषित कर रहे हैं अतः भारतीय जन सामाजिक विकास ऑर्गेनाइजेशन द्वारा मांग की जाती है मनीषा के दोषियों पर निष्पक्ष पूर्ण कारवाई करते हुए कठोर सजा दी जाए तथा पीड़ित परिवार को हर संभव मदद व न्याय मिलना चाहिए। तथा बलरामपुर के पीड़ित परिवार को भी उचित न्याय व हर सम्भव मदद मिलनी चाहिए ।


डॉ मुन्ना लाल भारतीय
(समाजसेवी) 
आगरा



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